Friday, November 7, 2008

इस प्यारकी बेखुदी को जाना हमने,
हवाओ का रुख पहेचाना हमने,
ये रुख भी मुड गया हमारी और,
जब उन्होंने प्यारसे देखा हमें,
लगता हे हमें के हम हम नही रहे,
शायद हमारी रूह को चुराया उन्होंने,
ये दिलकी आवाज़ भी सुनहरी लगती हे,
जब दिलमे उन्होंने बसाया हमें,,,

2 comments:

Krishna The Universal Truth.. said...

wah shloka superb....amazing yaar...

gujarati asmita said...

wow mast creation hai...
Ashok